THE SMART TRICK OF हिंदी कहानियां THAT NO ONE IS DISCUSSING

The smart Trick of हिंदी कहानियां That No One is Discussing

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जैसे–जैसे बच्चे बड़े होते हैं, आपको उनमें एक अलग ही व्यक्तित्व दिखाई देगा। क्योंकि बच्चे हर दिन नई आदतों को विकसित करने की प्रवृत्ति रखते हैं। जैसे–जैसे दिन आगे बढ़ता जाता है, आपका बच्चा संभवतः एक पुरानी आदत को पीछे छोड़ देगा और किसी नई आदत को अपनायेगा या पुरानी आदत का एक नया रूप लेगा।

एक बार श्यामपट पर उन्होंने रेखा खीचकर विद्यार्थियों से पूछा कि – क्या इस रेखा को बिना मिटाए कोई छोटी कर सकता हैं?

शिक्षा- जब हमे कोई चीज नही मिलती हैं, तो हम उसकी बुराई बताकर मन को दिलासा देते हैं.

कुरज की यह विनती सुनकर गडरिये का दिल दया से भर गया. उसने खेत के मालिक से कहा- छांटकर एक अच्छा सा ऊंट ले लो.

तब वह बोला- भासुरक कौन हैं ? क्या उसे ज्ञात नही कि यह जंगल तो मेरा हैं ?

तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर गईं. देखने से पंडित लगने वाला व्यक्ति भारतीय लगता था.

इसलिए कि इन्होने सहकार की भावना से काम किया. खुद भी खाओं दूसरों को भी खिलाओं, जिओं और जीने दो.

कुरज खेत में चुग्गा चुगने उतरी तो छिपक गईं. कुरज उड़ने के लिए छटपटाने लगी तो किसान ने उसे पकड़ लिया.

दूसरा व्यक्ति तत्काल चिल्ला उठा- महाराज यह बिलकुल झूठ बोल रहा हैं. यह भूमि इसके भाग में नही बल्कि मेरे भाग में आती हैं, इसलिए इसका असली मालिक मैं हूँ.

खरगोश ने कहा- हे स्वामी ! यह तो सत्य हैं, कि अपने स्वाभिमान के लिए युद्ध करना आप जैसे शुरविरो का काम हैं.

कर्म, कठोरता, लगन और निष्ठां से कोई भी व्यक्ति महान बन सकता हैं.

काफी मेहनत के बाद भी काम बनता न देखकर वह दुखी होकर पेड़ की डाल पर ही रोने लगी.

एक दिन सेठ जमीदार के यहाँ कपड़े लेकर आया, उसने लड़के को वहां काम पर देखा.

इस कथा से श्रीकृष्ण में एक परम विश्वस्त और उदार मित्र के दर्शन होते हैं.

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